जाने तुमको
सरल राह पे चलते तो सब ही आये,
दुर्गम राहों पे चलो ज़रा जाने तुमको ।
पहचान जगत मेँ यूँ ही बना नहीं करती,
साहस से पहचान बनो जाने तुमको ।।
ए पी जे अब्दुल क़लाम सब नहीं यहाँ,
तुम भी क़लाम से बन जाओ जाने तुमको ।
इतिहास पुरुष भी बिरले ही होते हैँ,
उन बिरलों में निज नाम लिखो जाने तुमको ।।
बात अहिंसा की करने से क्या होगा,
बापू सा व्यवहार करो जाने तुमको ।
अर्जुन ने तो द्रोण शिष्य बन सीखा था,
तुम एक्लव्य बन सीख सको जाने तुमको ।।
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